✨Jannat – ए – kashmir ✨
जिसको देखने से ज्यादा
पढ़ा है मेने..।
जानने से ज्यादा सुना है मैंने।
Khubsoorati मे जो k है ना वो यही का है।
किताबों मे जो कुछ किसी ने कभी कहा है ना
यही से गुज़रा है।
Imtiaz Ali के फिल्मो मे…
मोहब्बत के नगमो मे….
पुराने गानों के लफ्ज़ो मे…
हर बार होती हूँ रूबरू…
कहा है अनजान ये जगह…
हर ख्वाब मे आती हूँ यहां…
कैसे कह दू..
अलविदा…
यही कहती हूँ..
फिर आउंगी यहां….
और फिर लगेगा…
की पहले भी आई हूँ यहां…. ✨🍁
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Itika Saini 🖋️